संस्कृत नाम: खर्जुरम्

वैज्ञानिक नाम: Phoenix Dactylifera

अंग्रेजी नाम: Dates

आइए, उपयोगी खजूर के बारे में जान लें।

खजूर का पेड़ 30-40 फीट तक बढ़ता है। इसका तना शाखाविहीन, कठोर, गोलाकार और खुरदरा होता है। इसकी उपज रेगिस्तान में, कम पानी और गर्म मौसम में होती है। नारियल के समान इसके पेड़ के ऊपरी भाग में पत्तों के नीचे, गुच्छों में खजूर के फल लगते हैं। हरे कच्चे खजूर पकने के बाद भूरे तथा चिपचिपे होने लगते हैं। खजूर सूखने के बाद खारक या छुहारा कहलाता है।

खजूर के घटक पदार्थ

  • प्राकृतिक शर्कर – 85%
  • खनिज पदार्थ
  • विटामिन A, B और C
  • कैल्शियम
  • पोटॅशियम (प्रचुर मात्रा में)
  • प्रोटीन
  • फाइबर
  • आयरन
  • कॉपर
  • सोडियम (अल्प मात्रा में)

खजुर का ऊष्मांक मूल्य 144 तथा खारक का ऊष्मांक मूल्य 317 है।

आयुर्वेद के अनुसार खजूर

मधुर, पौष्टिक, बलवर्धक, श्रमहारक, संतोष दिलाने वाला, पित्तनाशक, वीर्यवर्धक और शीतल गुणों वाला होता है। खजूर में विटामिन, प्रोटीन, रेशे, कार्बोहाइड्रेट और शर्करा होने की वजह से उसे पूर्ण आहार कहा जाता है। इसलिए उसे सभी उपवास में उपयोग में लाया जाता है। ताजे, हरे खजूर का रायता बनाया जाता है। खजूर की चटनी बनती है। केक और पुडींग में खजूर का उपयोग किया जाता है। छुहारा सूखे मेवे का हिस्सा है। खजूर के पत्तों से घर का छप्पर, झाड़ू, ब्रश आदि बनाया जाता है। इसके तने इमारतों के आधार के तौर पर उपयोगी हैं। इसके रेशे रस्सियाँ बनाने के काम आते हैं।

खजूर में पाए जाने वाले तत्व

  • विटामिन A से शरीर के अंग अच्छी तरह से विकसित होते हैं।
  • विटामिन B हृदय के लिये लाभदायी होता है। इससे दिल की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। भूख बढ़ती है।
  • विटामिन C से शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है।
  • टी.बी.रोगियों की दुर्बलता दूर कर उन्हें बल प्रदान करता है।
  • खजूर धातुवर्धक तथा कफनाशक है।

खजूर खाने के लाभ

1. एनीमिया (खून की कमी) में रामबाण

खून में लौह की मात्रा कम हो जाने से थकान, घबराहट, दिल की धड़कन बढ़ना जैसी तकलीफ होती है। ऐसे में इक्कीस दिन लगातार 4-5 खजूर खाने चाहिए। पुराने एनीमिया में, दिमाग को खून की आपूर्ति कम होती है। जिसके कारण भूल जाना, चक्कर आना, अवसाद आदि लक्षण पाये जाएं, तो छः महीने तक आहार में 7-8 खजूर लें। इससे राहत मिलती है।

2. गठिया के लिए एक उत्तम औषधि

दुर्बलता में, पैर दर्द में तथा गठिया में, एक कप गरम दूध में एक चम्मच गाय का घी और एक चम्मच खजूर का पाउडर मिलाकर, गर्म ही पिलाएं।

3. महिलाओं को पैर दर्द, कमर दर्द में आराम देता है

ज्यादातर महिलाओं में पैर दर्द, कमर दर्द की शिकायत होती है। ऐसे में 5 खजूर आधा चम्मच मेथी के साथ दो ग्लास पानी में, आधा होने तक उबालें। गुनगुना होने के बाद पिलाएं। इस से राहत मिलती है।

4. कब्ज से छुटकारा मिलता है

अगर सुबह पेट साफ ना होता हो, तो 5-6 खजूर रात में पानी में भिगोएँ। सुबह अच्छी तरह खजूर निचोड़कर वह पानी पिलायें । खजूर रेचक है। पेट साफ करता है।

5. पाचन विकार दूर होता है

आँतों में पाचन के लिए जरुरी विशिष्ट सूक्ष्म जीवों की संख्या खजूर से बढ़ती है। उससे पाचन क्रिया में सुधार होता है।

6. अल्सर, एसिडिटी में राहत मिलती है

खजूर पाचन क्रिया को सुधारता है, जिससे अल्सर और एसिडिटी जैसी बीमारियां ठीक होती है।

7. शरीर में शक्ति बढ़ाने के लिए बहुत उत्तम

छोटे बच्चों की अच्छी सेहत के लिए हर रोज एक खजूर, दस ग्राम चावल के पानी में पीस लें। उसी में थोड़ा पानी मिलाकर दिन में तीन बार पिलाएं।

बढ़ती उम्र के बच्चों को खारक घी में भिगोकर खिलाएं। नियमित तौर पर खजूर खाने से वजन बढ़ने में एवं शरीर बलवान होने में मदद मिलती है। घी जोड़ों को स्नेहन दिलाता है, तथा खारक हड्डियों को मजबूत करता है।

ढ़लती उम्र के लोगों की खारक और गर्म दूध नियमित तौर पर लेने से शक्ति बढ़ती है। शरीर में नया खून बनता रहता है।

ध्यान रखने वाली बातें

  • डायबिटीज़ के रोगियों के लिए इसका अधिक उपयोग वर्जित है इसलिए अपने चिकित्सक के परामर्श से ही खजूर का उपयोग करें।
  • खजूर पाचन में भारी होता है, तथा इसके अति सेवन से दस्त हो सकते हैं।

खजूर पर सामान्य प्रश्न

एक दिन में 2 से 3 खजूर खा सकते हैं। बहुत अधिक खाने से पाचन पर असर पड़ सकता है।
दूध में खजूर खाने से आपको बहुत ऊर्जा मिलती है और खून की कमी के उपचार में बहुत लाभ प्राप्त होता है।
सुबह खाली पेट खजूर खाने से आँखों की रौशनी बढ़ती है। इस से रतौंधी की बीमारी के उपचार में बहुत लाभ मिलता है।
खजूर सुबह खाली पेट खा सकते हैं। दूध के साथ खजूर खा सकते हैं। खजूर की चटनी बनाकर भी खा सकते हैं।
शुगर और मोटापे से परेशान लोगों को खजूर नहीं खाना चाहिए। यदि डिहाइड्रेशन की शिकायत हो तो भी तुरंत खजूर खाने से बचें।
अगर अस्थमा या एलर्जी की शिकायत है तो संभल कर खाएँ खजूर। यह समस्या बढ़ा सकता है । अधिक खजूर खाने से पेचिश की समस्या भी हो सकती है।
ताजा देसी खजूर स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा होता है।
सूखे हुए खजूर को छुहारा या खारक भी कहा जाता है।
रात में सोने से पहले खजूर और दूध का सेवन अच्छा रहता है।
आप खजूर सुबह खाली पेट खा सकते है। आप दूध के साथ खजूर खा सकते हैं। आप खजूर की चटनी बनाकर भी खा सकते हैं।
खजूर शरीर में गरमी बढ़ाता है इसलिए सर्दियों में खजूर का सेवन बहुत अच्छा माना जाता है।

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