हमारे शास्त्रों में हर समस्या के लिए अलग-अलग प्रकार के योग और व्यायाम बताए गए हैं। ऐसे ही योग और व्यायाम भी कब्ज का रामबाण इलाज है। गैस, पेट दर्द और कब्ज के लिए योगासन का नियमित अभ्यास करने से आपको बहुत जल्द और स्थायी रूप से आराम महसूस होगा।
दरअसल, कब्ज और गैस की समस्या पाचन संबंधी गड़बड़ी की वजह से होती है। हमारे शरीर में गैस, अधिक खट्टा, तीखा, मसालेदार, बार-बार खाना, पानी नहीं पीना जैसे कारणों की वजह से बनती है। इन्हीं सब कारणों से व्यक्ति का पेट खराब होता है और कब्ज की समस्या होती है। गैस, कब्ज का घरेलू उपचार करने से जल्द और हमेशा के लिए इन समस्याओं को दूर भगाया जा सकता है।
कुछ लोगों के लिए कब्ज एक दैनिक मामला बन गया है और हम आम तौर पर इसे एक बीमारी मान लेते हैं, जबकि यह एक लक्षण है। यदि सही समय पर इसका इलाज नहीं किया गया तो यह श्रोणि रोगों और पेट के विकारों में बदल सकता है। लेकिन व्यक्ति अक्सर कब्ज को लापरवाही से लेता है। दैनिक व्यवहार में थोड़ा सा बदलाव कर, घरेलू उपचार से ही इसे ठीक कर सकते हैं।
कब्ज कैसे होता है?
कब्जियत के घरेलू उपायों से भी हम इससे छुटकारा पा सकते हैं। कब्ज और गैस की समस्या से परेशान हर व्यक्ति के लिए इसके अलग मायने हैं। कुछ लोगों के लिए कब्ज असमय होने वाला मल त्याग है तो कुछ लोगों के लिए कठिन मल त्याग है। समस्या जो भी हो, लेकिन इसका मूल कारण हमारी अस्वास्थ्यकर जीवन शैली ही है।
गलत समय पर काम करना, आराम नहीं करना, जंक फूड का सेवन आदि हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं, लेकिन फिर भी हम ऐसा करते हैं। इसके अलावा आहार में ताजे फल और हरी पत्तेदार सब्जियों की कमी से, विशेष रूप से भोजन जिसमें फाइबर कम हो, कब्ज का कारण बन सकता है। पानी का कम सेवन भी एक और कारण है।
कब्ज के लक्षण
- अनियमित या कम मात्रा में मल त्याग
- मल त्यागने में दबाव
- छोटे या कठोर मल का पारित होना
- पेट में दर्द और ऐंठन
- फूला हुआ पेट
- सिर दर्द
गैस, कब्ज का घरेलू उपचार कैसे करें?
कब्जियत के घरेलू उपाय इस समस्या को जड़ से खत्म कर सकते हैं। इसका इलाज शरुआत में ही हो जाना चाहिए। समय पर अगर इसकी पहचान कर इलाज नहीं किया जाता है तो यह गंभीर श्रोणि रोगों और पेट के रोगों में बदल सकता है।
कब्ज का रामबाण इलाज करने के लिए कुछ सुझाव:
- हमारे आहार के माध्यम से हम कब्ज का सरल तरीके से इलाज कर सकते हैं। ताजी पत्तेदार सब्जियों और फलों जैसे फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का अधिक से अधिक सेवन करें।
- पानी का खूब सेवन करें। सुबह में गर्म तरल पदार्थ का सेवन बहुत उपयोगी हो सकता है।
- दैनिक मल त्याग के लिए एक नियमित दिनचर्या बनाएँ।
- कब्ज के लिए योग का नियमित अभ्यास करें।
कब्ज के लिए योगासन करने के कई तरीके हैं जो कब्ज से राहत प्रदान कर सकते हैं। लेकिन यह ठीक ही कहा गया है कि – “निवारण हमेशा इलाज से बेहतर है और कब्ज के लिए योगासन करना सबसे अच्छा तरीका है।”
योग – कब्ज को दूर करने का एक प्राकृतिक तरीका
कब्ज के लिए योग का कुछ ही मिनटों का अभ्यास मल त्यागने में होने वाली परेशानी से राहत दिला सकता है। पेट में खिंचाव और पेट फूलने की समस्या से भी राहत दिलाता है व सारा दिन सुख एवं शांति रखने में भी मदद करता है।
कब्ज के लिए योगासन करने से हमारा शरीर तरोताजा रहता है तथा शरीर में रक्त और ऑक्सीजन के प्रवाह को भी बढ़ाने में मदद करता है। अधिकांश योग आसनों में श्रोणि का अच्छा संचलन होने के कारण, योगाभ्यास वास्तव में कब्ज से राहत दिलाने में मदद कर सकता है।
कब्ज दूर करने के लिए पांच योगासन
कब्ज से छुटकारा पाने के लिए कुछ योगासनों की सलाह दी जाती है। इनके नियमित अभ्यास से इस समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
1. मयूरासन
यह आसन पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है और अस्वास्थ्यकर भोजन के प्रभाव को नष्ट करता है। यह पेट में दबाव को बढ़ाता है, जो प्लीहा और यकृत एनलार्ज्मेंट्स को कम कर देता है। यह आसन आंतो को भी मजबूत बनाता है। इस तरह से कब्ज के लिए योगासन हमें कई प्रकार की समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करता है।
2. अर्धमत्स्येंद्रासन
इस आसन के महत्वपूर्ण शारीरिक पहलू यह हैं कि – यह पैन्क्रियाज़, लिवर, स्प्लीन, किडनी, पेट और कोलन को प्रभावित करता है, इसलिए मल त्यागने में सुधार और कब्ज से राहत प्रदान करता है।
3. हलासन
कब्ज के लिए योग करने से कब्ज, बदहजमी और पेट संबंधी सभी प्रकार की बीमारियों से छुटकारा मिलता है। हलासन से पाचन क्रिया भी मजबूत होती है। अगर बढ़ते वजन से परेशान हैं तो वजन को कम करने के लिए रोजाना हलासन जरूर करें।
4. पवनमुक्तासन
जैसा नाम से ही पता चलता है, यह आसन शरीर से गैस को बाहर निकालने में मदद करता है। कब्ज के साथ-साथ, यह योगासन अपच/ मन्दाग्नि सहित कई पाचन संबंधी विकारों को भी दूर करने में मदद कर सकता है। यह अम्लपित्त जिसे एसिड रिफ्लक्स भी कहते हैं, से राहत दिलाने में भी मदद करता है, जो कि अपच के कारण ही होता है।
5. बद्धकोणासन (तितली आसन)
इस आगे झुककर करने वाले आसन से पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद मिलती है और गैस, ऐंठन और पेट की सूजन से भी राहत मिलती है। यह आसन तनाव को कम करने में भी मदद करता है जो कि अच्छे पाचन के लिए अत्यंत आवश्यक है।
कब्ज के लिए योग का नियमित अभ्यास
चिंता करना बंद करें और अभ्यास शुरू करें। आपके दैनिक समय के बस कुछ ही पल के अभ्यास से आप एक स्वस्थ पाचन तंत्र प्राप्त कर सकते हैं तथा परिणाम स्वरूप खुश भी रह सकते हैं। परंतु अपने आहार में सुधार लाना ना भूलें, जैसे कि फाइबरयुक्त खाना, फल और सब्जी और पानी का पर्याप्त सेवन कब्ज को दूर रखने में मदद करता है। योग का नियमित अभ्यास शरीर और मन के विकास में मदद करता है। साथ ही इसके कई स्वास्थ्य संबंधी लाभ भी हैं परंतु फिर भी यह दवा का विकल्प नहीं है।
एक प्रशिक्षित श्री श्री योग शिक्षक की देखरेख में ही इन योगासनों को सीखना व इनका अभ्यास करना चाहिए। किसी भी स्वास्थ्य संबंधी विकार की स्थिति में, एक डॉक्टर और एक श्री श्री योग प्रशिक्षक से परामर्श के बाद ही योगासनों का अभ्यास करें। श्री श्री योग पाठ्यक्रम के बारे में जानने के लिए अपने नजदीकी ‘आर्ट ऑफ लिविंग सेंटर’ में पूछताछ करें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. साँसों से बदबू आना
2. चक्कर आना और जी मिचलाना
3. पेट में भारीपन महसूस होना
4. कमजोरी महसूस होना
5. पाचन खराब होना।
1. सीने में जलन होना
2. पेट का भारी होना
3. मितली या उल्टी आना
4. आंतों में जख्म और सूजन होना
5. भूख नहीं लगना
6. बवासीर या फिशर रोग होना।