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सूर्य नमस्कार मंत्र - सूर्य की वंदना के गीत | Surya Namaskar mantra in Hindi

सूर्य नमस्कार के मंत्रो द्वारा आप अपने सूर्य नमस्कार करने की प्रक्रिया में कृतज्ञता का भाव जोड़ सकते हैं। इन मंत्रों द्वारा आप सिर्फ सूर्य का ही नही परंतु पूरी सृष्टि का भी सम्मान करते हैं। ये मंत्र सूर्य नमस्कार करने की प्रक्रिया को और अधिक आध्यात्मिक बना देते हैं।

सूर्य नमस्कार के मंत्रो का उच्चारण कैसे करे ?। How to chant the Sun Salutation mantras?

सूर्य नमस्कार के मंत्रो का उच्चारण करने का सिर्फ एक ही नियम है और वो है कृतज्ञ भाव के साथ मंत्रो का उच्चारण करना। हरेक मंत्र का एक विशेष अर्थ होता है परंतु उस मंत्र के अर्थ की गहराई में उतारना अति आव्यशक नही है।  

जैसे की, “ॐ भानवे नमः” का अर्थ है “जो हमारे जीवन में प्रकाश लाता है”। जब आप इस मंत्र का उच्चारण करते हैं तो आप सूर्य के प्रति रौशनी व धरती पर जीवन के लिए कृतग्यता प्रकट करते हैं।

सूर्य नमस्कार की प्रक्रिया के दौरान इन मंत्रों की सूर्य की स्तुति में वंदना की जाती है। यह मंत्र सूर्य नमस्कार के लाभों को और अधिक बढ़ा देते हैं। इनका शरीर और मन पर एक सूक्ष्म परंतु मर्मज्ञ प्रभाव पड़ता है। यह १२ मंत्र जो सूर्य की प्रशंसा में गाये जाते हैं इनका सूर्य नमस्कार करने कि प्रक्रिया पर गहरा प्रभाव पड़ता है।

मंत्रो को सूर्य नमस्कार की प्रक्रिया में कैसे जोड़े?। How to include mantra in Surya Namaskar?

आप सूर्य नमस्कार के मंत्रो का जिव्हा से उच्चारण कर सकते हैं अथवा मन में भी इन मंत्रो का आवाहन कर सकते हैं।

एक सूर्य नमस्कार के चरण के दो क्रम होते हैं- पहला दाएँ पैर के साथ किया जाता है और दूसरा बाएँ पैर के साथ किया जाता है। आदर्शतः हमको कम से कम १२ सूर्य नमस्कार प्रतिदिन करने चाहिए परंतु आप जितना भी सहज तरीके से कर सकते हैं उतना ही कीजिए। यदि आप ६ सूर्यनमस्कार कर रहे हो तो प्रत्येक नए क्रम में मंत्र का उच्चारण करें। पहला चरण प्रारम्भ करते हुए पहले मंत्र का उच्चारण करें, जब आप दोनों क्रम पूरे करलें तो दूसरा चरण प्रारम्भ करने से पहले दूसरे मंत्र का उच्चारण करें और आगे बढ़ते रहे। इस तरह से आप १२ सूर्य नमस्कार के साथ १२ मंत्रों का उच्चारण कर लेंगे।

यदि आप १२ से कम सूर्य नमस्कार करते हैं, जैसे कि २ अथवा ४, तो आप प्रत्येक आसन के साथ हरेक मंत्र का उच्चारण कर सकते हैं। इस प्रकार से आप प्रत्येक आसन के साथ एक मंत्र का उच्चारण कर सकते हैं।

Surya Namaskar Step 1
1

प्रणाम आसन (Prayer pose)

 

उच्चारण : ॐ मित्राय नमः

अर्थ:  सबके साथ मैत्रीभाव बनाए रखता है।

सुदर्शन क्रिया से तन-मन को रखें हमेशा स्वस्थ और खुश !
 
Surya Namaskar Step 2
2

हस्तउत्थान आसन। Hastauttanasana (Raised Arms pose)

 

उच्चारण: ॐ रवये नमः।

अर्थ: जो प्रकाशमान और सदा उज्जवलित है।

Surya Namaskar Step 3
3

हस्तपाद आसन (Hand to Foot pose)

 

उच्चारण: ॐ सूर्याय नम:।

अर्थ: अंधकार को मिटाने वाला व जो जीवन को गतिशील बनाता है।  

 

Surya Namaskar Step 4
4

अश्व संचालन आसन (Equestrian pose)

 

उच्चारण: ॐ भानवे नमः।

अर्थ: जो सदैव प्रकाशमान है।

Surya namaskar step 5
5

दंडासन। Dandasana (Stick pose)

 

उच्चारण: ॐ खगाय नमः।

अर्थ: वह जो सर्वव्यापी है और आकाश में घूमता रहता है।

Surya namaskar step 6
6

अष्टांग नमस्कार। Ashtanga Namaskara (Salute With Eight Parts Or Points)

उच्चारण: ॐ पूष्णे  नमः।

अर्थ: वह जो पोषण करता है और जीवन में पूर्ति लाता है।

Surya Namaskar step 7
7

भुजंग आसन। Bhujangasana (Cobra pose)

 

उच्चारण: ॐ हिरण्यगर्भाय नमः।

अर्थ: जिसका स्वर्ण के भांति प्रतिभा / रंग है।

Surya Namaskar step 8
8

पर्वत आसन। Parvatasana (Mountain pose)

 

उच्चारण: ॐ मरीचये नमः।

अर्थ: वह जो अनेक किरणों द्वारा प्रकाश देता है।

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Surya Namaskar step 9
9

अश्वसंचालन आसन। Ashwa Sanchalanasana (Equestrian pose)

उच्चारण: ॐ आदित्याय नम:।

अर्थ: अदिति (जो पूरे ब्रम्हांड की माता है) का पुत्र

Surya Namaskar step 10
10

हस्तपाद आसन। Hasta Padasana (Hand to Foot pose)

 

उच्चारण: ॐ सवित्रे नमः।

अर्थ: जो इस धरती पर जीवन के लिए ज़िम्मेदार है।

Surya Namaskar Step 11
11

हस्तउत्थान आसन। Hastauttanasana (Raised Arms pose)

 

उच्चारण: ॐ अर्काय नमः।

अर्थ: जो प्रशंसा व महिमा के योग्य है।

Surya Namaskar step 12
12

ताड़ासन। Tadasana

 

उच्चारण: ॐ भास्कराय नमः।

अर्थ: जो ज्ञान व ब्रह्माण्ड के प्रकाश को प्रदान करने वाला है।

इन १२ मंत्रो का उच्चारण आसनो के साथ करना बहुत अच्छा है। आप विडियो के साथ भी इन मन्त्रों का उच्चारण करना सीख सकते हैं। इन मंत्रो को आसनों के साथ जोड़ कर आप सूर्य के साथ एकता महसूस कर सकते हैं।

यह लेख कृष्णा वर्मा और दिनेश काशीकर के सहयोग से लिखा गया है। लेखक: प्रितिका नायर)

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