इस आसन में शरीर सेतु (Bridge) के समान आकार में हो जाता है, इसलिए इसे सेतुबंधासन (Bridge Pose) कहा जाता है। सेतुबंधासन करने की प्रक्रिया और लाभ नीचे दिए गए हैं :
सेतुबंधासन करने कि प्रक्रिया | How to do Setu Bandhasana
- शुरुआत में अपने पीठ के बल लेट जाएँ।
- अपने घुटनो को मोड़ लें। घुटनो और पैरों को एक सीध में रखते हुए, दोनों पैरों को एक दुसरे से १०-१२ इंच दूर रखते हुए फैला ले।
- हाथों को शरीर के साथ रख ले। हथेलियाँ ज़मीन पर रहे।
- साँस लेते हुए, धीरे से अपनी पीठ के निचले, मध्य और फिर सबसे ऊपरी हिस्से को ज़मीन से उठाएँ। धीरे से अपने कन्धों को अंदर की ओर लें। बिना ठोड़ी को हिलाये अपनी छाती को अपनी ठोड़ी के साथ लगाएँ और अपने कन्धों, हाथों व पैरों को अपने वज़न का सहारा दें। शरीर के निचले हिस्से को इस दौरान स्थिर रखें। दोनों जंघा इस दौरान एक साथ रहेंगी।
- चाहें तो इस दौरान आप अपने हाथों को ज़मीन पर दबाते हुए शरीर के ऊपरी हिस्से को उठा सकते हैं। अपनी कमर को अपने हाथों द्वारा सहारा भी दे सकते हैं।
- आसन को 1-2 मिनट बनाएँ रखें और साँस छोड़ते हुए आसन से बहार आ जाएँ।
अब ध्यान करना है बहुत आसान ! आज ही सीखें !
सेतुबंधासन के लाभ | Benefits of the Setu Bandhasana
- पीठ की मासपेशियों को मज़बूत बनाता हैं।
- पीठ की मासपेशियों को आराम देता हैं।
- पीठ, छाती व गर्दन में अच्छा खिंचाव पैदा करता है।
- मन को चिंतामुक्त करता है और तनाव काम करके आराम देता है।
- फेफड़ों को खोलता है और थाइरोइड से सम्बंधित समस्या को दूर करता है।
- पाचन क्रिया को ठीक करने में सहायता करता है।
- मासिक धर्म व रजोनिवृति के दौरान मदद करता है।
- उच्च रक्त चाप, अस्थमा, ऑस्टियोपोरोसिस व साइनस के लिए लाभदायक।
इस दौरान सेतुबंधासन न करें। Contraindication of the Setu Bandhasana
यदि आपको कमर व गर्दन से संबधित कुछ तकलीफ है तो यह आसन न करें।
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(और कुछ फायदेमंद योगासन (yoga poses in hindi)
योग शरीर व मन का विकास करता है। इसके अनेक शारीरिक और मानसिक लाभ हैं परंतु इसका उपयोग किसी दवा आदि की जगह नही किया जा सकता। यह आवश्यक है की आप यह योगासन किसी प्रशिक्षित श्री श्री योग (Sri Sri yoga) प्रशिक्षक के निर्देशानुसार ही सीखें और करें। यदि आपको कोई शारीरिक दुविधा है तो योगासन करने से पहले अपने डॉक्टर या किसीभी श्री श्री योग प्रशिक्षक से अवश्य संपर्क करें। श्री श्री योग कोर्स करने के लिए अपने नज़दीकी आर्ट ऑफ़ लिविंग सेण्टर पर जाएं। किसी भी आर्ट ऑफ़ लिविंग कोर्सके बारे में जानकारी लेने के लिए हमें info@artoflivingyoga.org पर संपर्क करें।