खिचड़ी आयुर्वेदिक और यौगिक आहार में सबसे महत्वपूर्ण और प्रमुख व्यंजन है। खिचड़ी आमतौर पर दो अनाजों का मिश्रण है। खिचड़ी पचाने में बहुत आसान है और पूरे शरीर को साफ कर देती है। जब भी आपको ऐसा लगे कि आपने अत्यधिक खा लिया है या आपका पाचन तंत्र सुस्त महसूस करता है, तो बस अपने पाचन तंत्र को ठीक करने के लिए यह आसान व्यंजन पकाएं।
सामग्री :
- पीली मूंग दाल का 1/4 कप
- 1/4 कप बासमती चावल
- 1 तोरी - छोटे टुकड़ों में कटी हुई
- 2 गाजर - टुकड़ों में कटी हुई
- 2 अजवाइन की डंडी - 4 हिस्सों में कटी हुई
- 2 चम्मच कसा हुआ ताजा अदरक
- 1 चम्मच हल्दी पाउडर
- 1 चम्मच जीरा
- ½ चम्मच जीरा पाउडर
- ½ चम्मच धनिया पाउडर
- 3 चम्मच सेंधा नमक
- 2 चम्मच जैतून का तेल या घी
- एक छोटा गुच्छा बारीक कटा हुआ ताजा धनिया
विधि :
मूंग दाल को कम से कम 30 मिनट के लिए पानी में भिगोकर रखें। चावल को अच्छी तरह से धोएं और चावल को कुकर में मूंग दाल के साथ डालें।
सभी कटी हुई सब्जियां और मसाले डालें। 5 कप पानी डालें और खिचड़ी को अपने आप पकने दें।
चावल और दाल के नरम हो जाने पर, चूल्हे से उतारें और थोड़ा घी या जैतून का तेल डालें। ताजी कटी हुई धनिया से गार्निश करें।
खिचड़ी इतनी कमाल क्यों होती है ?
- आयुर्वेद की मुख्य शिक्षाओं में से एक यह है कि एक स्वस्थ पाचन तंत्र स्वस्थ दिमाग और शरीर का मुख्य आधार है। खिचड़ी आंत को स्वस्थ रखती है। खिचड़ी न केवल हमारी आंत से विषाक्त पदार्थों की सफ़ाई करती है, बल्कि इसे पोषण भी देती है।
- यह न केवल शरीर के लिए बल्कि मन के लिए भी पौष्टिक है।
- यह तीनों दोषों - कफ, पित्त और वात को संतुलित करती है।
यह लेख कैसिया फ्रेजर द्वारा मूल रूप से अंग्रेजी में ‘हैलो डिलीशियस’ के लिए लिखा गया है।