रंगों का त्यौहार एक बार फिर आ गया है । जी हाँ , यह होली का समय है । हवा में खुशी एवं उत्सव का माहौल
है और लोग इकट्ठे हो कर होली के गीतों पर थिरकने , एक दूसरे को होली के रंगो में रंगने, जोश और उत्साह
के साथ पिचकारियाँ चलाने में जुटे हैं। खाने के शौकीन लोग पारम्परिक होली के पकवान बनाने व उनको
खिलाने की तैयारियों में जुटे हैं। हमारे यहाँ ऐसा कौन सा त्यौहार है जो मीठे व्यंजनों के बिना सम्पूर्ण होता हो?
कहते हैं कि मीठे दिलकश व्यंजन रिश्तों में भी मिठास घोल देते हैं। यह सौभाग्य और आनंद के सूचक भी है ।
ऐसी आनंदमयी परम्परा के अतिरिक्त, ऐसा कौन है जो होली के अवसर पर मीठे व्यंजनों के प्रलोभन से दूर
रह सके ?
घर में बनायी जाने वाली वस्तुओं का सबसे उत्तम पहलू यह है कि हम किसी भी व्यंजन को अपने स्वादानुसार
बना सकते हैं । तो आइए, हम होली के कुछ रसीले और मीठे पकवानों के बारे में जानें और सीखें ।
होली के लिए मीठे व्यंजन
1.गुजिया
होली पर आप राजस्थान की इस विशेष मिठाई को छोड़ ही नहीं सकते । गुजिया आटे से बनी और खोया
अथवा सुखाए और गाढ़े दूध में सूखे मेवे युक्त मिश्रण से बने पकौड़े होते हैं।
तैयारी की अवधि : 30 मिनट
पकाने की अवधि : 30 मिनट
कुल समय : 1 घंटा
कठिनाई स्तर : सरल
सामग्री (10 - 12 गुजियों के लिए) :
- 2 कप गेहूँ का आटा
- 1 कप घी
- पानी आवश्यकतानुसार
- 1 कप खोया
- 1 कप शक्कर ( ब्राउन शुगर )
- 1 छोटा चम्मच छोटी इलायची
- 1 बड़ा चम्मच बादाम गिरी ( पिसी हुई )
बनाने की विधि
आटे में थोड़ा घी मिलाएँ और उसको पानी से गूँथ कर थोड़ा सख़्त लोई बना लें। इसको 30 मिनट के लिए
रख दें । खोए को धीमी आँच पर भून लें। जब यह ठंडा हो जाए तो उसमें शक्कर, छोटी इलायची और बादाम
मिला दें। यह गुजिया की भरावन है । गुँथे हुए आटे के पेड़े बना कर उनको छोटी पूरी के आकार में मोटा बेल
लें । गुजिया का साँचा ले कर यह बेली हुई आटे की पूरी उस पर रख दें। अब भरावन को आवश्यकतानुसार
इस पर रख दें और साँचे को बंद कर दें। फिर साँचे में से गुजिया निकाल कर एक प्लेट में रख दें । इसी प्रकार
से और साँचे भी तैयार कर लें ।
अब एक कढ़ाई में घी गरम कर के सभी गुजिया को सुनहरी भूरा होने तक तल लें ।
नोट : आप गुजिया को अधिक स्वास्थ्यकर बनाने के लिए उनको ओवन में लगभग 25 मिनट तक पका भी
सकते हैं।
2. पूरन पोली
यह होली का एक पारम्परिक मीठा पकवान है जो सुबह या शाम के लिए एक उत्तम नाश्ता भी है । इसकी
भरावन में गुड़ और चने की दाल अथवा सफ़ेद चने का प्रयोग होता है ।
तैयारी का समय : 30 मिनट
बनाने का समय : 30 मिनट
कुल समय : 01 घंटा
कठिनाई स्तर : मध्यम
सामग्री ( 6 पूरन पोली के लिए )
- एक कप गेहूँ का आटा
- डेढ़ कप गुड़
- तीन छोटी इलायची, पिसी हुई
- एक चुटकी नमक
- डेढ़ कप चना डाल या सफ़ेद चने
- आधा कप घी
- एक चौथाई कप पानी
- तेल, आवश्यकतानुसार
बनाने की विधि
आटे में नमक, पानी और तेल मिला कर थोड़ा सख़्त गूँध लें । इसको ढक कर लगभग आधे घंटे के लिए
अलग रख दें । चना दाल अथवा सफ़ेद चने को पानी में उबाल लें । जब यह पक जाए तो अतिरिक्त पानी
को निकाल दें । दाल को ठंडा होने दें। एक कड़ाही में थोड़ा सा पानी डाल कर गुड़ को गरम कर लें और उसमें
आधा बड़ा चम्मच घी के साथ दाल मिला दें ।इस मिश्रण को धीमी आँच पर मुलायम और चिपचिपा होने
तक पकाएँ । आँच को बंद कर के मिश्रण को एक तरफ़ रख दें । जब यह ठंडा हो जाए तो इसको मिक्सी में
पीस सकते हैं । फिर इसमें छोटी इलायची का पाउडर भी मिला दें।
अब गुँथे हुए आटे में से एक भाग लें, उसका पेड़ा बना कर छोटी पूरी के आकार का बेल लें। उस पर दाल के
मिश्रण का थोड़ा भाग ले कर पूरी को भर लें और उसको बंद कर दें। इस गोले को थोड़ी मोटी रोटी के आकार
में बेल लें। इस रोटी को घी के साथ किसी तवे अथवा समतल पैन पर सेंक लें। आप इसको किसी पलटे से
दबा कर, स्वाद और सुगंध के लिए घी मिलाते हुए, दोनों तरफ़ से अच्छी तरह पका लें ।
आपकी पूरन पोली खाने के लिए तैयार है।
3. मालपुआ
यह भारतीय मिष्ठान पैनकेक की तरह है जिसे घी में गहरे तल कर शकर की चाशनी में डुबोया जाता है ।
तैयारी का समय : 30 मिनट
बनाने का समय : 30 मिनट
कुल समय : 60 मिनट
कठिनाई स्तर : सरल
सामग्री ( 6 मालपुओं के लिए )
- 1 कप गेहूँ का आटा
- 4 से 6 बड़े चम्मच गाय का कंडेंस्ड दूध ( इसके स्थान पर आप दूध का पाउडर भी प्रयोग कर सकते हैं) ।
- 200 मिलीग्राम गाय का दूध
- आधा चम्मच सौंफ के बीज
- 3 बड़े चम्मच सूजी
- 1/4 चम्मच छोटी इलायची पाउडर
- एक चुटकी केसर ( वैकल्पिक )
- 6-8 बारीक कटे हुए काजू
- 6-8 पिस्ता गरी , बारीक कटे हुए
- 150 ग्राम घी
- 1 कप ब्राउन शकर ( ब्राउन शुगर )
- 1/2 कप पानी
बनाने की विधि
एक बड़े कटोरे में आटा, सूजी और सौंफ के बीजों को मिला लें।
इस में कंडेंस्ड दूध मिला दें।
अब दूध को धीरे-धीरे इस प्रकार से हिलाते हुए डालते जाएँ कि एक मुलायम ( गाढ़ी नहीं) पेस्ट बन जाए ।
आप पानी का भी उपयोग कर सकते हो लेकिन दूध से मालपुआ अधिक मलाईदार बनता है।
इस घोल को ढक कर आधे घंटे के लिए एक ओर रख दें ।
एक दूसरे बर्तन में शक्कर को पानी में घोल लें और उसमें इलायची तथा केसर मिला दें। इस घोल को
लगभग 10 मिनट तक पकाएँ और जब एक तार की चाशनी बनने लगे तो आँच से उतार लें। शक्कर का
घोल थोड़ा पतला ही होना चाहिए ।
एक कड़ाही में घी गरम करें और एक सर्विंग स्पून की सहायता से धीरे से आटे- सूजी के घोल को डाल दें।
घोल अपने आप से गोलाकार रूप ले लेगा ।
इसको एक मिनट तक एक ही तरफ़ से तलने दें और उसके बाद दूसरी तरफ़ पलट दें । जब दोनों तरफ़ से
पुआ सुनहरी भूरा हो जाए तो इसको निकाल लें।
निकाल कर पुए को गरम चाशनी में डुबो दें और इसको लगभग 30 मिनट तक वहीं रहने दें।
अब उस पुए को चाशनी से निकाल कर एक प्लेट में कटे हुए सूखे मेवों से सजा दें जो इसकी सुंदरता और
स्वाद दोनों बढ़ा देंगे।
आप इसी प्रकार और मालपुए बना कर हैं उन्हें शक्कर की चाश्नी में डुबोते जाएँ ।
आपके मालपुए खाने को तैयार हैं ।
नोट : आप चीनी की चाशनी के बिना भी यह व्यंजन बना सकते हैं। इससे होली का यह पकवान और भी
अधिक स्वास्थ्यकर बन जाएगा। बस, आटे - सूजी के घोल में ही अन्य सामग्री के साथ गुड़ घोल लें और इसी
घोल को उसी प्रकार तल लें। तले हुए मालपुए उसी प्रकार से ही खाने के लिए तैयार होंगे ।
4. शक्करपारा
शक्करपारा को प्रायः चाय या कॉफ़ी के साथ नाश्ते के रूप में परोसा जाता है। यदि इसको हवाबंद डिब्बे में
रखा जाए तो इनको कई दिन तक खाने योग्य सुरक्षित रखा जा सकता है ।
तैयारी का समय : 10 मिनट
बनाने का समय : 20 मिनट
कुल समय : 30 मिनट
कठिनाई स्तर : सरल
सामग्री : ( चार सर्विंग )
- 1/2 कप गेहूँ का आटा
- एक चुटकी केसर
- 1/4 चम्मच घी
- एक चुटकी पिसी हुई छोटी इलायची
- 100 ग्राम तेल
- 1/4 कप पानी
- 1/2 कप ब्राउन शकर
बनाने की विधि
आटे और घी को एक कटोरे में पानी के साथ गूँथ कर एक सख़्त लोई बना लें। इस लोई का एक छोटा भाग
ले कर उसका रोल बना लें। अब उस रोल को वर्गाकार टुकड़ों में काट लें। इस प्रकार सारी लोई के टुकड़े बना
लें। एक कड़ाही में तेल गरम कर लें और उन वर्गाकार टुकड़ों को उसमें सुनहरी भूरा होने तक अच्छे से तल लें।
शक्कर को पानी में मिला कर तब तक उबालें, जब तक यह शर्बत थोड़ा गाढ़ा न हो जाए। अब तले हुए
वर्गाकार टुकड़ों को शक्कर की चाशनी में डाल कर अच्छे से मिला दें ताकि चाशनी उन पर अच्छे से चढ़
जाए। जब शक्कर टुकड़ों में अच्छे से घुल मिल जाए तो शक्करपारे किसी प्लेट या थाली में निकाल लें । इन
पर इलायची का पाउडर छिड़क दें ।
एक बार ठंडा होने पर, आपकी होली की मिठाई खाने के लिए तैयार है ।
नोट : आप शक्कर के स्थान पर गुड़ का उपयोग भी कर सकते हैं ।
5. बेसन के लड्डू
तैयारी का समय : 05 मिनट
बनाने का समय : 30 मिनट
कुल समय : 35 मिनट
कठिनाई का स्तर : सरल
सामग्री :
- 1 कप चने का आटा ( बेसन )
- 1/4 चम्मच पिसी हुई छोटी इलायची
- 3 बड़े चम्मच घी
- 3-4 बारीक कटे हुए काजू
- 1 बड़ा चम्मच किशमिश
- 50 ग्राम ब्राउन शकर
बनाने की विधि
किसी पैन में बेसन को धीमी आँच पर एकसार सूखा भून लें। जब इसका रंग परिवर्तित हो जाए तो इसमें
पिघला हुआ घी डाल कर अच्छे से मिला लें। लगभग 5 मिनट के बाद, मिश्रण घी छोड़ देगा और एक महक
देने लगेगा। पैन को स्टोव से उतार लें। उसके बाद पिसी हुई शक्कर डालें और अच्छे से मिलाएँ। अब मिश्रण
को ठंडा होने दें। ठंडा होने पर इस मिश्रण के मध्यम आकार के गोले बना लें।
आपकी लोकप्रिय होली की मिठाई खाने के लिए तैयार है|
6. चावल की खीर
खीर एक ऐसा मिष्ठान है जो हर भारतीय त्यौहार में परोसा जाता है। चावल की खीर होली का पारम्परिक
पकवान है जिसका प्रतिरोध करना बहुत कठिन है ।
तैयारी का समय : 5 मिनट
बनाने का समय : 45 मिनट
कुल समय : 50 मिनट
कठिनाई का स्तर : सरल
सामग्री : ( 8 लोगों के लिए )
- 2 कप पके हुए चावल
- 1/2 कप ब्राउन शकर
- 5-6 कप गाय का दूध
- 2 छोटी इलायची का पाउडर
- एक बड़ा चम्मच बादाम और काजू
बनाने की विधि
एक कुकर में चावल उबाल लें और उन्हें अलग रख दें । एक और बर्तन में दूध और शक्कर को उबालें। पके
हुए चावल इसमें डाल दें। अच्छे से हिलाएँ और इस मिश्रण को धीमी आँच पर पकने दें। बीच बीच में हिलाते
रहें। जब दूध की मात्रा आरम्भ की मात्रा से आधी रह जाए तो इसमें इलायची पाउडर मिला दें। खीर को तब
तक पकाते रहें जब तक यह गाढ़ी न होने लगे। इसको किसी बर्तन में निकाल कर बादाम और काजू के
स्लाइस काट कर उनसे सजाएँ।
आपका स्वादिष्ट होली मिष्ठान चटकारे ले कर खाने को तैयार है ।
हम आशा करते हैं कि यह मुँह में पानी लाने वाले मीठे व्यंजन देख कर आपका मन उन्हें खाने को लालायित
हो गया होगा । अतः जब आप आने वाले होली के त्यौहार के लिए विशेष कर कुछ स्वादिष्ट पकवान बनायें तो
आपकी रसोई से कौन-कौन सी महक फैली, उसके बारे में हमसे भी साझा करें ।
हमें आपसे सुनकर प्रसन्नता होगी ।
साभार : कौशानी देसाई, आयुर्वेदिक पाक कला शिक्षक, आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा दिए गए सुझावों के
आधार पर लिखित