सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस क्या है? | What is cervical spondylosis?
सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस ऐसी शरीरिक बीमारी है जो गर्दन की हड्डियों के बीच में होने वाली घिसाई से उत्पन्न होती है। इस अवस्था में हड्डी व उपास्थि के बीच विकार आने से गर्दन में बहुत अधिक दर्द उत्पन्न होता है और दिन-प्रतिदिन की क्रियाएँ करने में भी बाधा आती है। सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस की समस्या अधिकांश, ५०-६० के उम्र के लोगो में देखी जाती है क्योंकि हड्डियों के घिसने की समस्या उम्र के साथ बढ़ती है। अमेरिकन अकादमी ऑफ़ ओर्थपेडीक सर्जन्स के अनुसार, ८५% लोग जो सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस की समस्या से जूझ रहे हैं जो ६० वर्ष से अधिक उम्र के लोग है। यह समस्या काफी युवाओं में भी देखी जा रही है उनकी आधुनिक जीवन शैली के कारण।
सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के कारण | Causes of cervical spondylosis
बढ़ती उम्र के साथ-साथ, सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस की समस्या के उत्पन्न होने के और भी कारण हो सकते हैं। गलत अवस्था में काफी देर तक बैठे रहना, काम के कारण गर्दन पर अधिक तनाव आना, गर्दन व रीढ़ की हड्डी में चोट लगना, स्लिप-डिस्क और मोटापा भी इसके कुछ कारण हैं। यदि पूरे परिवार में स्पॉन्डिलाइटिस की समस्या है तो नई पीढ़ी में भी यह समस्या हो सकती है।
योग सीखें और बीमारियों से रहें दूर
सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के लक्षण | Symptoms for cervical spondylosis
गर्दन में बहुत अधिक दर्द इस बीमारी का सबसे मुख्य लक्षण है। इसके अलावा कंधो में दर्द, गर्दन में दर्द और सिरदर्द भी कुछ लक्षणों में से है।
सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के लिए योगाभ्यास | Yoga exercises for cervical spondylosis in hindi
सरवाइकल स्पोंडिलोसिस के लिए योग एक प्राकृतिक उपाय है। इस प्राचीन ज्ञान का निरंतर अभ्यास आपको लचीला शरीर, शांत मन और जीवन के प्रति एक सकारात्मक नजरिया प्रदान कर सकते हैं। श्री श्री योग प्रशिक्षक के दिशा-निर्देश में आप अपने जीवन को एक सही दिशा में अग्रसर कर सकते हैं। एक दर्द-रहित जीवन जीने के लिए निमंलिखित योगासन को अपने जीवन का हिस्सा बनाए।
भुजंगासन (Bhujangasana)
यह आसन छाती के हिस्से को फैलता है और रीढ़ की हड्डी को मज़बूत करता है। साटिका के दर्द में भी यह आसन लाभदायक है।
अर्ध मत्स्येन्द्रासन (Ardha Matsyendrasana)
यह आसन गर्दन व कन्धों के हिस्से में खिचाँव पैदा करता है और रीढ़ की हड्डी को ऊर्जा प्रदान करता है।
धनुरासन (Dhanurasana)
यह आसन गर्दन में खिंचाव पैदा करता है और गर्दन के हिस्से को सक्रिय करता है।
मार्जरीआसन (Marjariasana)
पीठ के दर्द को कम करता है।
सेतु बंधासन (Setu Bandhasana)
गर्दन और रीढ़ की हड्डी में खिंचाव लाता है। सर में रक्त प्रवाह बढ़ाता है जिससे सर दर्द में राहत मिलती है।
मत्स्यासन (Matsyasana)
पीठ को मजबूत बनाता है और गले एवं गर्दन में खिंचावट लाता है।
सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस को ठीक करने के ७ आसान उपाय | 7 Tips to heal cervical spondylosis
सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस को बिना सर्जरी के ठीक किया जा सकता है। उचित चिकित्सा, नियमित योग अभ्यास और अच्छी देखभाल से यह बीमारी ठीक हो सकती है। फिजियोथैरेपी और पैन किलर भी चिकित्सा में लाभदायक साबित होते है। इसके इलावा खुद के बैठने के ढंग को सुधरने से भी गर्दन के दर्द से राहत मिलती है।
- ऐसे कार्यों से बचे जो गर्दन पर दबाव डालते हो।
- भारी चीज़ों को न उठाएँ।
- काम के बीच छोटे ब्रेक ले जिससे गर्दन को आराम मिले।
- अपनी कैल्शियम की दैनिक ज़रूरत को पूरा करे।
- पानी पीने में कमी न रखे।
- फल और हरी सब्जियों का सेवन करे।
- हर रोज़ व्यायाम करे पर पूरी सावधानी के साथ।
ध्यान दे- अपनी दवाई में कोई भी बदलाव करने से पहले अपने चिकित्सक का सुझाव ज़रूर लें।
यद्यपि योगाभ्यास शरीर और मन के लिए बहुत फ़ायदेमंद है, फिर भी इसे दवा के बदले आजमाना उचित नही है। योगासनों का अभ्यास आर्ट ऑफ लिविंग योग के प्रशिक्षक की निगरानी में ही करना सर्वथा लाभप्रद होगा। अगर कोई शारीरिक या मानसिक खामी हो, तो वैद्यकीय सलाह और श्री श्री योग (Sri Sri Yoga) के प्रशिक्षक की निगरानी में ही करना सर्वथा लाभप्रद होगा। अगर कोई शारीरिक या मानसिक खामी हो, तो वैद्यकीय सलाह और आर्ट ऑफ लिविंग योग के प्रशिक्षक की अनुमति के पश्चात ही योगाभ्यास करें। श्री श्री योग कोर्स आपके नज़दीकी आर्ट ऑफ लिविंग केंद्र में आप सीखसकते हैं। अगर आप विविध कोर्सों के बारे में जानकारी पाना चाहते हैं या सुझाव देना चाहते हैं तो हमें संपर्क करें info@artoflivingyoga.in