क्या आप प्रतिदिन सूर्य नमस्कार (surya namaskar) करते हैं और अपने आसनों के करने की प्रक्रिया को सुधारना चाहते हैं? निम्नलिखित कुछ आसान नुस्खे आपकी सूर्य नमस्कार करने की प्रक्रिया को अधिक आसान और मज़ेदार बना सकते हैं।
1. सर्वप्रथम शरीर को तैयार करें (शरीर में गरमाहट बढ़ाएँ ) | Warm Up The Body Before Surya Namaskar
सूर्य नमस्कार प्रारम्भ करने से पहले कुछ सूक्ष्म व्यायाम अथवा कुछ आसन जो शरीर में खिंचाव पैदा कर सकते हैं, करना बहुत अच्छा होता है ताकि माँसपेशियाँ सूर्य नमस्कार करने के लिए अनुकूल हो जाएँ। इससे शरीर का रजस निकल जाता है और आपका शरीर सूर्य नमस्कार करने के लिए तैयार हो जाता है।
2. किस दिशा में सूर्यनमस्कार करना चाहिए ? पूर्व अथवा पश्चिम?| East Or West ?
यदि आप प्रातः काल में सूर्य नमस्कार करते हैं तो पूर्व दिशा की ओर यह आसन करें और यदि आप सायंकाल में सूर्यनमस्कार करते हैं तो पश्चिम दिशा की ओर आसन करें।
3. कृतज्ञता के साथ करें सूर्यनमस्कार | Attitude Of Gratitude
यदि आप यह आसन कृतज्ञता के भाव के साथ करेंगे तो इसका अत्यधिक लाभ आपको मिल सकता है! आप आसन के हर कदम का अत्याधिक आनंद उठा सकते हैं। आपकी मुस्कान आपकी ऊर्जा बनाए रखेगी।
4. एकलय में औरआकर्षक तरीके से करें सूर्य नमस्कार | Do it Gracefully
यदि आप अधिक सूर्य नमस्कार करने के की इच्छा रखते हैं तो सभी आसन विश्रामपूर्ण और एक सुन्दर लय में करना और भी अति आवश्यक हो जाता है (कुछ लोग तो 108 सूर्यनमस्कार भी करते हैं )। अगर आप सूर्य नमस्कार फुर्ती से भी कर रहें है तो ध्यान दें कि आप कोई भी आसन झटके के साथ न करें। एक आसन से दूसरे आसन में जाने की प्रक्रिया में आराम से जाएँ।
5. अपने चेहरे पर मुस्कान बनाए रखें | Keep A Smile On Your Face
मुस्कान का आपके सूर्य नमस्कार करने की प्रक्रिया पर एक गहरा प्रभाव पड़ सकता है। आप सूर्य नमस्कार के आसनों का और अधिक आनंद उठा सकते हैं। मुस्कान आपकी ऊर्जा को बनाए रखेगी।
6. सूर्य नमस्कार जागरूकता के साथ करें | Do With Awareness
जागरूकता सूर्यनमस्कार करने की प्रक्रिया का एक बहुत महत्वपूर्ण अंश है। आप माने या न माने सूर्यनमस्कार यदि कृतज्ञता भाव, धीमी गति और श्वास पर जागरूकता रखते हुए किया जाए तो आपको ऊर्जा से परिपूर्ण कर सकता है। जैसे की अष्टांग नमस्कार के दौरान नाभि चक्र पर स्थित सूर्य जाल (solar plexus) सक्रिय हो जाने पर शरीर में ऊर्जा का संचालन करता है और आपको शक्ति से परिपूर्ण कर देता है। यदि सूर्यनमस्कार जागरूकता के साथ किया जाए तो आपको महसूस होगा कि शक्ति का संचार नाभि चक्र से हो कर पूरे शरीर में फ़ैल रहा है। मेरे लिए अधिक ऊर्जा के कारण सूर्य नमस्कार के पश्चात शवासन (Corpse Pose) में लेटना भी कई बार लगभग असंभव जैसा लगता है!
मंत्रों के साथ सूर्य नमस्कार कैसे करें ? - यह जानने हेतु यहाँ क्लिक करें।
7. सामान्य तरीके से साँस ले | Breathing Should Be Natural
सूर्य नमस्कार करते हुए सामान्य तरीके से साँस ले (उज्जयी साँस न लें)। ज़ोर से श्वास न लें। सरल, धीरे, आराम, और जागरूकता के साथ साँस लें और छोड़ें। शरीर की हर एक गतिविधि के साथ साँस का सामंजस्य बनाए रखें।
8. मंत्रोच्चारण के साथ सूर्यनमस्कार करें | Best Done With Mantra Chanting
सूर्यनमस्कार के मंत्रो की तरंगो का हमारे मन व शरीर पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। सूर्यनमस्कार में 12 आसन होते हैं और हर-एक आसन के साथ सूर्य की वंदना से जुड़ा एक मंत्र होता है। प्रत्येक आसन शरीर के किसी भी एक चक्र के साथ जुड़ा हुआ होता है, कोई भी आसन करते हुए उस चक्र पर अपना ध्यान ले जाएँ। जैसे कि पहला आसन (नमस्कारासन) में हम अपना ध्यान अनाहत चक्र की ओर ले जाते हैं जो हृदय के पास स्थित होता है। यदि आप सूर्यनमस्कार, मंत्रोच्चारण, चक्रों पर जागरूकता, और कृतज्ञ भाव के साथ करें तो इसका हमारे ऊपर एक गहरा आध्यात्मिक प्रभाव पड़ सकता है। यह पूरी प्रक्रिया को और अधिक आध्यात्मिक बना देगा।
9. सूर्यनमस्कार को व्यायाम की भांति भी किया जा सकता है | Sun Salutation Can Be A Warm-Up Or A Stand-Alone Exercise
अपने योग करने की योजना खुद निर्धारित करें
व्यस्त योगियों के लिए :
सूर्यनमस्कार के पश्चात -> योग निद्रा में विश्राम करें।
यदि आपके पास अधिक समय है तो
कुछ व्यायाम करें--> सूर्यनमस्कार (पहले धीमी गति के साथ, फिर तीव्र गति के साथ, दोबारा से धीमी गति के साथ करें)---> कुछ जटिल योगासन करें --> योग निद्रा में विश्राम--> प्राणायाम व ध्यान के साथ पूरी प्रक्रिया को समाप्त करें।
जिन लोगो के पास समय की कमी हो वे लोग सूर्य नमस्कार को व्यायाम की तरह कर सकते हैं। यदि आप 10-15 मिनट के लिए भी सूर्य नमस्कार करेंगे तो आपका अच्छा-खासा व्यायाम हो जाएगा। प्रतिदिन 12 सूर्य नमस्कार करना भी काफी होता है। पद्मसाधना (Padma Sadhana) अथवा थोड़े जटिल योगासन करने से पहले आप सूर्य नमस्कार कर सकते हैं। यदि आप सूर्यनमस्कार व्यायाम (अपने शरीर में थोड़ी गर्मी पैदा करने के लिए) के रूप में कर रहे हैं तो यह प्रक्रिया थोड़ी तीव्र गति के साथ करें। यदि आप सूर्य नमस्कार योगासन के रूप में कर रहे हैं तो इसे मध्यम गति के साथ करें। कुछ समय बाद आपका शरीर हल्का व अधिक लचीला महसूस करेगा, धीरे धीरे प्रक्रिया और अधिक गहरी हो जाएगी। यदि आपको पीठ में कुछ समस्या है तो सूर्य नमस्कार तीव्र गति के साथ करें।
10. सूर्यनमस्कार करने के पश्चात विश्राम करें | Relax After Finishing
सूर्य नमस्कार करने के पश्चात लेट जाएँ और पूर्णतः विश्राम करें। अच्छे परिणाम के लिए योग निद्रा में लेट जाएँ और पूरे शरीर में आसनों के प्रभाव को सक्रिय होने दें। यदि आपके पास अधिक समय नहीं है तो मन और शरीर को पूर्णतः विश्राम देने के लिए कुछ समय शवासन में विश्राम करें।
11. थोड़ा प्रयत्न करें और फिर छोड़ दें यही रहस्य है | Putting Effort And Then Letting Go
सूर्य नमस्कार के अनुभव को और अधिक अच्छा करने के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण नुस्खा है। हर योगासन की तरह सूर्य नमस्कार प्रारम्भ करने से पहले आपको थोड़ा प्रयत्न करना आवश्यक है। यह प्रयत्न करना आवश्यक है क्योंकि यह आपके शरीर के रजोगुण को सही दिशा में निर्धारित करता है और फिर सिर्फ सतोगुण रह जाता है। शरीर में रजोगुण नही रहता और सतोगुण हमको ध्यान की ओर ले जाता है।
सूर्य नमस्कार की पूरी प्रक्रिया आपकी साधना को पूर्ण कर देती है- इसमें आसन, प्राणायाम, मंत्र, चक्र ध्यान, सब कुछ है। क्या आपने कभी सोचा था की सूर्यनमस्कार एक वज़न घटाने के व्यायाम से भी कहीं अधिक कुछ हो सकता है?
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(यह लेख दिनेश काशीकर और श्री श्री योग प्रशिक्षक डॉ. सेजल शाह, नेशनल कोऑर्डिनेटर, श्री श्री योग, इंडिया के सहयोग द्वारा लिखा गया है)